साल का पहला सूर्य ग्रहण शनिवार को, इन कामों को करने से बचें

सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानियां
भारत में नहीं दिखाई देगा सूर्यग्रहण, यूरोप में रहेगा असर
नई दिल्ली। साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च शनिवार को लगेगा। यह ग्रहण आंशिक रूप से लगेगा। यह ग्रहण विश्व के कई हिस्सों में दिखाई देगा, लेकिन भारत में इसका दर्शन नहीं होगा। ग्रहण यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और आर्कटिक के क्षेत्रों में दिखाई देगा।
पंचांग के अनुसार इस साल शनि अमावस्या के दिन शनिदेव मीन राशि में गोचर कर रहे हैं वहीं इसी दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह दिन खास है लेकिन इस दिन एक आंशिक सूर्य ग्रहण होने के कारण कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा लेकिन इसके प्रभाव से बचने के लिए कुछ खास निर्देश हैं। शास्त्रों में ग्रहण के दौरान कुछ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि इन गलतियों के कारण व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
सूर्य ग्रहण कब लगता है?
सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आता है और सूर्य की रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने से रोकता है। यह तब होता है जब चंद्रमा अपनी कक्षा में सूर्य और पृथ्वी के बीच में आता है, जिससे सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर पड़ने से रुक जाती है।
सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा?
आंशिक सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसका कारण यह है कि चंद्रमा की छाया भारत के ऊपर से नहीं गुजरेगी, इसलिए भारत में लोग इस खगोलीय घटना को नहीं देख पाएंगे।
भारत में सूतक काल लागू होगा?
सूतक काल एक धार्मिक अवधारणा है जिसे अशुभ माना जाता है। इस दौरान कुछ चीजें करना वर्जित होता है। सूतक काल सूर्य ग्रहण से 9 से 12 घंटे पहले शुरू होता है, लेकिन यह केवल तभी लागू होता है जब ग्रहण उस क्षेत्र में दिखाई दे जहां लोग रहते हैं। चूंकि आगामी सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां सूतक काल लागू नहीं होगा।
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियां
गर्भावस्था के दौरान सूर्य ग्रहण के प्रतिकूल प्रभावों को सीधे जोड़ने वाला कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। मुख्य चिंता सूर्य को सीधे देखने के खतरों से उत्पन्न होती है, जिससे आंखों को स्थायी क्षति हो सकती है। गर्भवती महिलाओं को हार्मोनल परिवर्तनों के कारण प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि का अनुभव हो सकता है, जिससे घटना के दौरान अतिरिक्त देखभाल करना महत्वपूर्ण हो जाता है। कुछ पारंपरिक मान्यताओं का सुझाव है कि संभावित जोखिमों से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर के अंदर रहना चाहिए।