चम्बल घाट पर स्टीमर का संचालन शुरू, गहरे पानी में उतर रहे यात्री खतरे की आशंका
चंबल नदी उसेथ घाट पर हर वर्ष उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश दो राज्यों को जोड़ने के लिए 15 अक्टूबर से 15 जून तक सशक्त पैंटून पुल का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाता है। बरसात के दिनों में पुल को हटाकर स्ट्रीमर संचालन यात्रियों की सुविधा हेतु होता है। शनिवार को लोक निर्माण विभाग आगरा के कर्मचारियों द्वारा पीपों के पुल को हटा दिया गया। जिसके कारण वाहनों का आवागमन चंबल नदी घाट से बंद हो गया। पैदल यात्री अपनी जान जोखिम में डालकर उखले हुए पुल के लकड़ी के पटरों पर होकर निकल रहे थे। लोगों की शिकायत को लेकर अधिकारियों ने मामले में संज्ञान लिया और रविवार सुबह से चंबल नदी में यात्रियों को पार कराने के लिए लोक निर्माण विभाग के निशुल्क स्टीमर का संचालन शुरू करा दिया गया।
यात्रियों की सुविधा हेतु स्ट्रीमर तो शुरू हुआ मगर उनकी जान का खतरा बिल्कुल भी कम होता नहीं दिख रहा है। रविवार को चंबल नदी घाट पर यह नजारा देखने को मिला जहां स्ट्रीमर ठीक किनारे से संचालकों द्वारा नहीं लगाया जा रहा जिसके चलते यात्री मध्य प्रदेश सीमा में गहरे पानी में उतर रहे हैं। जिसके चलते उनकी जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। क्योंकि चंबल घड़ियाल और मगरमच्छों के लिए संरक्षित है। नदी के पानी में जलीय जीव खतरा बन सकते हैं। वही पुरुष महिला, युवा, युवतियां एवं बच्चे बुजुर्ग को नदी के किनारे से 50 मीटर पहले ही गहरे पानी उतार दिया जा रहा है। गहरे पानी में पैर फिसलने से डूबने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। पानी में उतरने वाले यात्री डरे सहमें चंबल नदी पार कर रहे हैं। पानी में उतरने वाले यात्रियों में खासी नाराजगी देखी जा रही है। यात्रियों ने पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों से स्ट्रीमर संचालकों की मनमानी पर अंकुश लगाने की मांग की है।