उड़ीसा से दिल्ली की पैदल यात्रा पर क्यों निकले मुक्तिकांत,जाने ख़बर में
- शिकोहाबाद- उड़ीसा से दिल्ली की पैदल यात्रा पर निकले मुक्तिकांत का शिकोहाबाद में हुआ स्वागत
शिकोहाबादः प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उन्हें देश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाने वाले क्रांतिकारियों को राष्ट्रीय नायक का दर्जा प्राप्त कराने के लिए 16 मई से उड़ीसा से दिल्ली प्रधानमंत्री ऑफिस तक रथ पर क्रांतिकारियों के चित्र लगाकर पैदल यात्रा करते हुए मुक्तिकांत शनिवार दोपहर 12 बजे शिकोहाबाद में शंकरपुरी पहुंचे जहां समाजसेवियों ने उनका जोरदार स्वागत किया।
राउरकेला उड़ीसा निवासी मुक्तिकांत विश्वबाल एक आर्टिस्ट है जो मूर्ति बनाने का कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, रानी लक्ष्मीबाई, खुदीराम बोस, बाजीराव, झांसी की रानी, इसहाक उल्ला खा, चन्द्र शेखर आजाद आदि क्रांतिकारियों ने देश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन 70 साल बीत जाने के बाद भी किसी भी सरकार ने इन क्रांतिकारियों को राष्ट्रीय नायक का दर्जा नहीं दिया है। आने वाली पीढ़ी में लोगों को कैसे पता चलेगा कि इन क्रांतिकारियों का आजादी में अहम योगदान रहा था। इसीलिए मैंने यह यात्रा शुरू की है। बताया कि यात्रा पंद्रह सौ किलोमीटर की है और अभी यात्रा में 1200 किलोमीटर की पूरी कर चुका हूं। और 1 अगस्त तक दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑफिस पर जाकर क्रांतिकारियों को राष्ट्रीय नायक दर्जा प्राप्त करने का ज्ञापन दूंगा।
स्वागत करने वालों में धु्रव यादव, इंद्रेश सविता, विपिन, विवेक, रोहित, नवनीत, रंजीत, आर्यन आदि लोगों ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया।