आगरा: ताजगंज के श्मशान घाट तक पहुँचा यमुना का पानी,जलस्तर बढ़ रहा है लगातार
आगरा में यमुना रौद्र रूप धारण कर चुकी है। यमुना का पानी आज सुबह ताजगंज श्मशान घाट में पहुंच गया। श्मशानघाट में पानी पहुंचने पर अंतिम संस्कार रोक दिए गए हैं, यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। यमुना किनारे के हिस्सों में पानी भरने लगा है। कैलाश मंदिर घाट, बल्केश्वर घाट पर सीढ़यां डूब गई हैं और पानी लगातार बढ़ रहा है।
। यमुना का पानी अब निचले इलाकों में भरने लगा है। दयालबाग में खेतों में पानी भर गया है। वहीं, ताजगंज शमशान घाट में भी यमुना का पानी भर गया है। बाढ़ की संभावना को देखते हुए मोतीगंज बाजार में बने गोदामो को व्यापारी खाली करने की व्यवस्थाओं में लगे हुए है।
दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में बाढ़ ने हालात खराब कर दिए हैं। आगरा में भी अब यमुना विकराल होती जा रही है। शनिवार सुबह यमुना का जलस्तर 494.20 फीट तक पहुंच गया है। येलो फ्लड लेवल के नजदीक है। लो फ्लड लेवल 495 फीट है। माना जा रहा है कि शाम तक यमुना लो फ्लड लेवल तक पहुंच जाएगी। इससे पहले ही यमुना के निचले हिस्सों में पानी भरना शुरू हो गया है। दयालबाग के कई इलाकों में खेतों में पानी भर गया है। फसल डूब गई है। वहीं, ताजगंज शमशान घाट में भी पानी भर गया है। इस कारण वहां पर अंतिम संस्कार में परेशानी आ रही है। शमशान घाट में बने नए प्लेटफॉर्म पर अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं। अगर जलस्तर और बढ़ता तो इलेक्ट्रिक शव दाह गृह पर ही अंतिम संस्कार की व्यवस्था होगी। जलस्तर बढ़ने से जो नाले यमुना में गिर रहे थे, अब उनका पानी बैक मार रहा है। नाले लबालब हो गए हैं। ऐसे में हालात बिगड़ने पर नालों का पानी मोहल्लों में भर सकता है। ताजगंज शमशान घाट के पास नाले का पानी भर गया है।
इसी क्रम में यमुना में जलस्तर बढ़ने से यमुना किनारे स्थित मोतीगंज बाजार में कई गोदामों को खाली कराया गया है। मोतीगंज बाजार में मौजूद व्यापारियों ने बताया कि दो दिन पहले प्रशासन की टीम के साथ बैठक हुई थी। बैठक में जिन व्यापारियों के गोदाम में हैं, उन्हें एहतियात के तौर पर खाली करने की बात कही गई थी। दिल्ली के हालात को देखकर करीब 30 गोदाम खाली किए गए हैं।
जलस्तर बढ़ने के बाद प्रशासन ने 47 गांवों में मुनादी शुरू करा दी है। यमुना किनारे वाले गांवों में ग्रामीणों से अपील की गई है कि वो अपने पशुओं के लिए चारे का इंतजाम कर लें। बच्चे, बुजुर्ग व पशुओं को यमुना किनारे न जाने दें। इसके अलावा जरूरी सामान की व्यवस्था भी कर लें।