अटल सभागार में मिली हिंदी रचनाकारों को प्रोत्साहित करने की अनूठी वैश्विक पहल को सराहना
- केंद्रीय हिंदी संस्थान के तत्वावधान में माधुर्य संस्था ने देश-विदेश के 12 कवियों की रचनाओं के सांगीतिक एल्बम ‘एहसासों के दायरे’ का किया लोकार्पण
आगरा। केंद्रीय हिंदी संस्थान के तत्वावधान में माधुर्य सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्था द्वारा शनिवार शाम केंद्रीय हिंदी संस्थान के अटल सभागार में देश-विदेश के 12 कवियों की 12 रचनाओं के सांगीतिक एल्बम ‘एहसासों के दायरे’ का गरिमामयी लोकार्पण किया गया।
समारोह-अध्यक्ष केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक प्रो. सुनील बाबूराव कुलकर्णी और मुख्य अतिथि तपन ग्रुप के चेयरमैन समाजसेवी-उद्यमी सुरेश चंद्र गर्ग ने संयुक्त रूप से मां शारदे की प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर समारोह का विधिवत शुभारंभ किया।
हिंदी रचनाकारों को प्रोत्साहित करने की इस अनूठी वैश्विक पहल को गणमान्य अतिथियों और साहित्यकारों सहित सभी ने मुक्त कंठ से सराहा।
लोकार्पण के बाद सभागार में बड़ी स्क्रीन पर जब 12 रचनाकारों के 12 गीतों के अलग-अलग वीडियो एक-एक कर प्रसारित किए गए तो एल्बम में दर्ज रचनाकार डॉ. शशी गुप्ता (अमेरिका), डॉ. कुमुद बाला (हैदराबाद), डॉ. कविता सिंह ‘प्रभा’ (बेंगलुरु), नरेंद्र भूषण (लखनऊ), शशि दीपक कपूर (मुंबई) और अमन वर्मा (हमीरपुर) के साथ आगरा के डॉ. राजेंद्र मिलन, प्रेम सिंह राजावत, इंदल सिंह इंदु, भावना दीपक मेहरा, राजेश्वरी राज और पद्मावती पदम की रचनाओं और इन रचनाओं को मधुर स्वर में निबद्ध व संगीतबद्ध करने के साथ सहज अभिनय से सजाने वाली शहर की बेहतरीन कलाकार निशिराज के साथ इनको निर्देशित करने वाले राजकुमार जैन की प्रतिभा देख सब वाह वाह कर उठे। सभागार रह रहकर करतल ध्वनि से गूंजता रहा।
इस दौरान वीरा सक्सेना के निर्देशन में बच्चों द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना और उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा निराला पुरस्कार से सम्मानित गीतकार कुमार ललित के दो प्रेम गीतों पर प्रस्तुत भाव नृत्य ने समारोह में चार चांद लगा दिए।
समारोह का संचालन माधुर्य की संस्थापक-अध्यक्ष निशिराज ने किया। संरक्षक व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राजेंद्र मिलन ने सबका आभार व्यक्त किया। उपाध्यक्ष दुर्गेश पांडेय, गिरधारी लाल शर्मा, सचिव सुधा वर्मा, कोषाध्यक्ष राजकुमार जैन, सदस्य संजय गुप्त और शरद गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया।
इस दौरान केंद्रीय हिंदी संस्थान के डॉ. राजवीर सिंह, रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी और साहित्यकार अमन वर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. कुसुम चतुर्वेदी, अमेरिका से आईं डॉ. शशी गुप्ता, राज बहादुर सिंह राज, शीलेंद्र वशिष्ठ, पंडित महेश चंद शर्मा गोपाली, अनिल शर्मा, प्रो. बृजेश चंद्रा, शबाना खंडेलवाल, रामकुमार अग्रवाल, पूर्व पार्षद सुनील जैन, इंजी. सुरेंद्र बंसल, आगरा आकाशवाणी केंद्र के श्रीकृष्ण, क्षत्रिय सभा के गजेंद्र सिंह परमार, आई सर्व खुशियों के पल से अनुराग जैन, रंगकर्मी अनिल जैन, उमाशंकर मिश्र, अजय दुबे, पार्षद भरत शर्मा और फिल्म निर्देश