आगरा मेट्रो के अभियान में आधी आबादी ने सीखे आत्मरक्षा के गुण

आगरा मेट्रो के स्टेशनों पर हम राही फाउंडेशन के सहयोग से चलाया जा रहा जागरूकता अभियान
यूपीएमआरसी का हम राही फाउंडेशन के सहयोग से उप्र में 50 हजार महिलाओं-बच्चों तक पहुंचने का लक्ष्य
आगरा। यूपीएमआरसी हम राही फाउंडेशन के सहयोग से आगरा, कानपुर और लखनऊ के मेट्रो स्टेशनों पर आत्मरक्षा प्रशिक्षण और महिलाओं के अधिकारों के बारे में यात्रियों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चला रही है।
इस अभियान के तहत हमराही फाउंडेशन की टीम ने आगरा मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर के मेट्रो स्टेशनों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम और जागरूकता सत्र आयोजित किया। यह पहल सुरक्षित यात्रा वातावरण सुनिश्चित करने के लिए यूपीएमआरसी की प्रतिबद्धता के अनुरूप शुरू की गई है। जागरूकता सत्रों का नेतृत्व प्रशिक्षित पेशेवरों ने किया। उन्होंने यात्रियों के साथ जानकारी पूर्ण चर्चाओं और इंटरैक्टिव आत्मरक्षा प्रदर्शनों के जरिए संवाद किया।
मेट्रो स्टेशनों पर आयोजित जागरूकता सत्रों में आत्मरक्षा तकनीक, कानूनी अधिकार, यौन शोषण और उत्पीड़न से निपटने के उपायों के बारे में बताया। ताजमहल मेट्रो स्टेशन पर आयोजित प्रशिक्षण में कंपोजिट विद्यालय, बसई खुर्द की 41 छात्राओं ने भाग लिया। इस दौरान विद्यालय की प्रधान अध्यापिका सहित मेट्रो स्टाफ मौजूद रहा। मेट्रो स्टेशनों पर आयोजित जागरूकता सत्रों में यात्रियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और पहल की सराहना की। कई महिला यात्रियों ने इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों के महत्व पर प्रकाश डाला।
बता दें कि मिशन कवच के साथ, हम राही फाउंडेशन उत्तर प्रदेश भर में 50 हजार महिलाओं और बच्चों तक पहुंचने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य लेकर चल रहा है। इसका उद्देश्य यौन अपराधों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और महिलाओं और बच्चों को आत्मरक्षा कौशल से लैस करना है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) एक विश्व स्तरीय मेट्रो प्रणाली संचालित करता है जो सार्वजनिक परिवहन का एक सुरक्षित, विश्वसनीय और समावेशी साधन प्रदान करने के लिए समर्पित है। यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि यूपीएमआरसी अपने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। राही फाउंडेशन के साथ इस सहयोग के माध्यम से हमारा उद्देश्य महिलाओं और कमजोर समूहों को आवश्यक आत्मरक्षा कौशल और उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता मुहैया कराना है। सार्वजनिक परिवहन सभी के लिए एक सुरक्षित स्थान होना चाहिए और इस तरह की पहल अधिक सुरक्षित आवागमन वातावरण बनाने में अहम भूमिका निभाती है।