ब्रांडेड से कम नहीं हैं जेनेरिक दवाएं

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जन औषधि दिवस पर विवि के छलेसर कैम्पस में हुआ सेमिनार

जेनेरिक दवाओं की उपयोगिता और जागरुकता पर दिया बल

आगरा। जेनेरिक दवाएं खराब या कम गुणवत्ता वाली नहीं होतीं। यह बिना ब्रांड वाली दवाएं हैं जो पूरी तरह सुरक्षित हैं। जेनेरिक दवाओं की उपयोगिता बढाने के साथ ही लोगों में जागरुकता लाने के लिए डाॅ. भीमराव आम्बेडकर विश्व विद्यालय के छलेसर कैम्पस में जन औषधि दिवस के तहत सेमिनार आयोजित किया गया। छलेसर के इंस्टीट्यूट आफ फार्मेसी और पैरामेडिकल साइंसेज में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य आौर एमई यूपी द्वारा आयोजित सेमिनार में आम लोगों के लिए प्रधानमंत्री की प्राथमिकता वाली योजना के रूप में जेनेरिक दवाओं के बारे में जागरूकता और उपयोग को बढ़ाने के लिए इस सप्ताह 1 से 7 मार्च तक जन औषधि दिवस मनाया जा रहा है।

सेमिनार में फार्म.डी. (पीबी) के छात्र यागवेंद्र और सोनाली ने जेनेरिक चिकित्सा और जन औषधि केंद्र के उपयोग के बारे में विचार व्यक्त किये। विद्यार्थियों ने लोगों की इस धारणा को दूर किया कि कम कीमत वाली जेनेरिक दवाएं खराब गुणवत्ता या कम प्रभावी होती हैं। उन्होंने लोगों को समझाया कि जेनेरिक दवाएं बिना ब्रांड वाली दवाएं हैं, जो समान रूप से सुरक्षित हैं। फार्मेसी विभाग के शिक्षक अखिलेश कुमार ने ब्रांडेड और जेनेरिक दवाओं के बीच के फर्क, जैसे कि उनकी कीमत, उपयोगिता और उपलब्धता के बारे में बताया। फार्मेसी विभागाध्यक्ष डॉ रवी शेखर ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए छात्रों को जेनेरिक दवाओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर प्रो. बृजेश कुमार तिवारी, डॉ. मनोज कुमार यादव, डॉ. स्वेतलाना, डॉ. गौरव राजौरिया, डॉ. केसर सिंह, मुकुल यादव, अंजलि चैहान, शिवाली ढीकोनिया के अलावा सभी शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहे।

 

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