AGRA : अपराधियों से नहीं जहरीले जीव जंतुओं से लगता है डर, पकड़ने को तैनात रहते हैं पुलिसकर्मी…

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आगरा।  जनपद के मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर ब्लाक पिनाहट के चंबर क्षेत्र में स्थित थाना मनसुखपुरा ऐसा थाना है जहां बारिश के मौसम में जहरीले जीव जंतुओं का आतंक रहता है। पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग होने पर इसे ‘सजा के तौर’ पर देखा जाता है। इसके पीछे वजह है कि पुलिसकर्मियों को डकैत या अपराधियों को पकड़ने में डर नहीं लगता हैं। बल्कि सांप, बिच्छू,कांतर,बिस्कापर से लगता है। शाम होते ही थाना परिसर में अधिकतर जहरीले जीव जंतु लगते हैं घूमने लगते जिनके काटने का डर पुलिस कर्मियों को लगा रहता है। पुलिस कर्मी कुर्सियों पर पैर ऊपर रखकर बैठते हैं। जमींन पर पैर रखने पर बिच्छू कांतर के काटने का डर रहता है।

मंसुखपुरा थाने में पैरा में तैनात पुलिसवालों की ड्यूटी सांप-बिच्छू पकड़ने में लगी रहती है। बड़ी मुश्किल से पुलिसकर्मी रोजाना परिसर में घूमने वाले बिच्छुओं को पकड़ कर कच्चे मिट्टी के घड़े में डालते रहते हैं।रोजाना की गति विधि मुश्किल भरी जाती है। बरसात के दिनों में ही जहरीले जीव जंतुओं की परिसर में समस्या बढ़ जाती है। बरसात के मौसम में शाम और रात के समय पुलिसकर्मियों की ड्यूटी में खतरे से खाली नहीं होती है। बिना टार्च के बाहर नही निकलते हैं। चंबल बीहड़ किनारे बसा गांव मंसुखपुरा में डकैतों को पकड़ने और लोगों की सुरक्षा हेतु यह थाना गांव में स्थापित किया गया था। पूर्व में स्थानीय की हालत खराब थी अब नई इमारत बनने से साफ सफाई में सुधार हुआ है।

आपकों बता दें यहां पोस्टिंग पाने वाले पुलिसकर्मियों सांप-बिच्छुओं को देखकर घबरा जाते हैं।और अपनी पोस्टिंग को सजायाफ्ता मानते हैं।जिसके चलते ज्यादातर पुलिसकर्मी यहां नहीं आना चाहते हैं। रात के समय किसी गांव में कोई अपराधिक और क्राइम की घटना होने पर कच्चे भरे रास्तों पर बिना बैटरी टार्च के चलना खतरे से खाली नहीं होता है।

थाना परिसर में तैनात पुलिसकर्मी राजन यादव एवं रामपाल सिंह, बृजेश कुमार ने बताया कि इस थाने में बेहद खतरनाक काले बिच्छू शाम होते ही निकलने लगते हैं। हम रोजाना लोहे के चिमटा की मदद्त से करीब 30 बिच्छू पकड़ते हैं। मॉनसून के दौरान ये संख्या अधिक हो जाती है। बंदी गृह में किसी भी अपराधी को ज्यादा समय तक नही रोकते हैं। बताया कि इस थाने के तैनात हेड कांस्टेबल रामनिवास को 3 दिन पहले एक कांतर चिपक गई और उन्हें काट लिया, जिससे शरीर पर फफोले पड़ गए। उन्होंने अपना इलाज डॉक्टर से दवा लेकर कराया। जहरीले बिच्छू काटने पर गांव में लोग झाड़-फूंक भी करते हैं जिससे जहर उतर जाता है। मगर डॉक्टर के पास जाना जरूरी है। अन्यथा ऐसी स्थिति में जान जाने का भी खतरा रहता है। ऐसी स्थिति में पुलिस कर्मियों का अपने आवास एवं बैरकों में रहना मुश्किल होता है। वर्दी पहनने से पूर्व कई बार फटकारनी पड़ती है। जहरीले जीव जंतु चिपकने से खतरा होने का डर रहता है। ऐसी स्थिति में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी करना बड़ा ही मुश्किल है। पुलिसकर्मी बरसात जाने का इंतजार करते रहते हैं।

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