संस्कार भारती आगरा महानगर के तत्वावधान में “अरुणोदय काव्य गोष्ठी” का हुआ आयोजन

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संस्कार भारती आगरा महानगर के तत्वावधान में “अरुणोदय काव्य गोष्ठी” का शुभारम्भ वरिष्ठ कवि और साहित्यकार हरिमोहन सिंह कोठिया, संस्कार भारती के आगरा महानगर अध्यक्ष आर्किटेक राजीव द्विवेदी, संस्कार भारती के प्रांतीय कोषद्ध्यक्ष आशीष अग्रवाल द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर के किया गया।

सरस्वती वन्दना संस्कार भारती के प्रांतीय साहित्य प्रमुख डा केशव शर्मा ने और ध्येय गीत हरीश अग्रवाल “ढपोरशंख” ने की। वही कर्रक्रम के दौरान गोष्ठी का संचालन कर रहे राकेश शर्मा निर्मल को बहुत पसंद किया गया। वही इस मौके पर उन होने अपनी कविताओं के जरिए सभी का मन मोहने का काम किया। उन होने मंच से जब कहा की…..

ज़िंदा हो तुम तब तक जब तक मरे नहीं हो ,
मरे नहीं हो तब तक जब तक डरे नहीं हो
रिक्त कलश से जीवन में नहीं मोक्ष तब तक
मातृभूमि के प्रेम से जब तक भरे नहीं हो.

इन पनतीयों को सुन सभी ने तालियों से उनका स्वागत किया। वही इसके बाद युवा कवि हिरेंद्र नरवार के गीत को बहुत प्यार मिला

*पानी से  अब नहीं  बुझेगी  प्यास ।
रूप का सागर लेकर आओ पास ।
मन  का  उपवन  वर्षों  से  सूखा ।
तिनका तिनका जलने लगी है घास*

हरीश अग्रवाल “ढपोरशंख” की हास्य व्यंग की रचना ने वातावरण को और भी खुशनुमा बना दिया…….

*पड़ी जो उस पर नजर गहरी
तो कुछ ख्वाब बुनना चाहता था मैं
उनके हर अंदाज को तो,,
एक-एक कर चुनना चाहता था मैं,,
सब कुछ मिल गया मुझको,
जब झटका उसने जुल्फों को अदा से,,,
उसकी वो मुस्कराने की  अदा,
सब कुछ कह गयी जो सुनना चाहता था मैं*

 

डा केशव कुमार शर्मा के गीत को सुनकर गोष्ठी से भरपूर सराहना मिली….

*आज हवाओं की आंखों में,
जो ईमान नहीं होगा।
पर आने वाला कल सुन लो,
बेईमान नहीं होगा।।
चलो नमन उनको कर लें,
नयनों में पानी भर लें।
सीमाओं पर डटे रहे जो,
खून बहाकर हुए अमर।।
चलो बनाएं ऐसा घर*

 

अरुणोदय काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे प्रख्यात कवि हरिमोहन सिंह कोठिया ने भी काव्य पाठ किया

*संकल्प बिनु सपने कभी
पूरे नहीं होते।
चिर तपस्वी हारकर
धीरज नहीं खोते।।
नींव के पत्थर उठाते
भार हंस हंस के।
जो कुशल तैराक
नहिं मझधार में रोते*

 

प्रसिद्ध युवा कवि पदम गौतम के गीत को मन से सुना गया…..

*मीठे फल देने वाले बीजों को बोना पड़ता है
लोहे को सोना करने पारस सा होना पड़ता है
संस्कारों को देने में माता जब भी सो जाती है
चक्रव्यूह की चालों में बेटे को खोना पड़ता है*

 

संस्कार भारती आगरा महानगर के महामंत्री डा मनोज कुमार पचौरी ने बताया कि अरुणोदय काव्य गोष्ठी के माध्यम से प्रतिमाह नवोदित कवियों को मंच प्रदान किया जाएगा. कवि गोष्ठी में सर्वश्री देश दीपक शर्मा, वन्दना चौहान, राहुल सार्थ, दीक्षा नाज, सुशील कुमार सक्सेना, मुकुल कुमार आदि ने काव्यपाठ किया.

संयोजन नन्द नन्दन गर्ग ने, धन्यवाद ज्ञापन दाऊजी अग्रवाल ने किया. वही इस दौरान दीपक गर्ग, अखिलेश श्रीवास्तव, देवकीनंदन शर्मा, कैसल आदि भी उपस्थित रहे.

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