केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उत्तर प्रदेश सरकार से भूमिगत मेट्रो पर एक सप्ताह में रिपोर्ट मंगाने के किये आदेश
आगरा: भूमिगत मेट्रो के लिये मांग कर रही और प्रयासरत संस्थाओं के लिए आज का दिन राहत भरा था। केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आगरा के सांसद एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री एस0पी0 सिंह बघेल एवं राज्यसभा सांसद डा0 अनिल जैन को सुनकर अपने अधिकारियों को आदेश दिया कि वे एक सप्ताह के अंदर महात्मा गांधी मार्ग पर भूमिगत मेट्रो के विषय में उत्तर प्रदेश शासन से रिपोर्ट मंगा लेें। उन्होंने यह भी आदेश दिया कि प्रदेश के अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण से भी मंत्रालय बात कर लें।
सांसद बघेल की पहल पर आयोजित यह बैठक अत्यन्त सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई जिसमें मंत्री पुरी ने सांसद बघेल की बात को सुना। उन्होंने यह भी पूछा कि राज्य सरकार व केन्द्र सरकार का इस योजना में कितना-कितना अंशदान है। 50-50 प्रतिशत अंशदान की बात सामने आने पर उन्होंने राज्य सरकार की सहमति की बात भी रखी और उन्होंने यह भी कहा कि चंूंकि इस योजना की फण्डिंग यूरोपियन बैंक से हो रही है अतः इसलिए फण्ड बैंक के पास भी जाना होगा। इसके अतिरिक्त पब्लिक इनवेस्टमेन्ट ब्यूरो एवं केन्द्रीय मंत्रिमण्डल के पास भी संशोधित योजना जानी होगी। मंत्री पुरी ने इस मेट्रो लाइन की निर्माण की वर्तमान स्थिति के बारे में पूछा तो उन्हें यह बताया गया कि अभी आगरा केण्ट से कालिन्दी विहार जाने वाले इस मेट्रो कॉरिडोर पर अभी कोई काम शुरू नहीं हुआ है।
सांसद बघेल ने इस प्रकरण में डीपीआर में बदलाव को लेकर अपनी बात इस प्रकार रखी कि यदि कुछ देरी हो भी गयी तो उसको लेकर आने वाले 200 सालों तक इस मेट्रो की योजना के कारण शहर पीड़ित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने यह बात भी रखी कि शहर का हर एक निवासी प्रतिदिन एक बार तो महात्मा गांधी मार्ग पर आ ही जाता है। यह मार्ग आगरा की जीवन रेखा है जिस पर बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान, कॉलेज व स्कूल आदि हैं। यदि इस पर एलीवेटेड मेट्रो बन गयी तो भविष्य में कभी भी न तो एलीवेटेड रोड बन सकेगी और न ही कोई फ्लाईओवर बन सकेगा। आगरा की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए महात्मा गांधी मार्ग पर भूमिगत मेट्रो लाइन ही होनी चाहिए।
राज्यसभा सांसद डॉ0 अनिल जैन ने भी बात का समर्थन किया और कहा कि यदि मेट्रो लाइन भूमिगत बनायी जाती है तो महात्मा गांधी मार्ग पर उसकी लम्बाई 6 किलोमीटर के स्थान पर लगभग 4.5 किलोमीटर ही होगी जिस कारण भूमिगत मेट्रो की लागत कम लम्बाई के हिसाब से जोड़ी जानी चाहिए। यह ठीक है कि भूमिगत मेट्रो की लागत एलीवेटेड मेट्रो लाइन की तुलना में अधिक होगी लेकिन वह शहर के लिये जरूरी है नहीं तो आगरा शहर जाम वाले शहर के नाम से जाना जायेगा।प्रतिनिधिमण्डल में सम्मिलित आगरा डवलपमेन्ट फाउण्डेशन के सचिव व वरिष्ठ अधिवक्ता के0सी0 जैन ने महात्मा गांधी मार्ग की कम चौड़ाई की बात रखी और कहा कि एलीवेटेड मेट्रो बनने से उसकी चौड़ाई प्रभावित होगी और अनेक स्थानों पर उसकी चौड़ाई पहले से ही बहुत कम है।
प्रतिनिधिमण्डल में सम्मिलित हुए शिशिर भगत ने मंत्री पुरी के साथ हुई बैठक को सफल बैठक बताते हुए कहा कि मंत्री पुरी का सकारात्मक रवैया था और हम अब भूमिगत मेट्रो की आशा कर सकते हैं। लेकिन राज्य सरकार को भी इस सम्बन्ध में पहल करनी होगी। मुकेश जैन ने कहा कि मेट्रो के डिजाइन में फेरबदल से परियोजना कुछ विलम्ब तो होगी लेकिन यह शहर के हित में है कि मेट्रोे के डीपीआर और डिजाइन में बदलाव किया जाये। सांसद बघेल ने निकट भविष्य में पुनः मंत्री पुरी से बैठक रखने की बात कही। प्रतिनिधिमण्डल में मुकेश जैन, सुनील अग्रवाल शिशिर भगत, दिनेश पचौरी, स्पर्श बंसल आदि सम्मिलित हुए