जन्माष्टमी पर जन्म लेने वाले बच्चों के परिजनों ने अनूठे अंदाज में इस दिन को यादगार बनाया
मल्होत्रा नर्सिंग होम और जन्माष्टमी पर उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल में जन्मे चार शिशु
आगरा। देशभर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, वहीं, मल्होत्रा नर्सिंग होम और उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल में जन्माष्टमी पर जन्म लेने वाले बच्चों के परिजनों ने अनूठे अंदाज में इस दिन को यादगार बनाया। मल्होत्रा नर्सिंग होम में तीन और उजाला सिग्नस हॉस्पिटल में एक बच्चे ने जन्म लिया। इन सभी बच्चों को राधा कृष्ण की डेस पहनाई गई। बच्चों का मनमोहक रूप देखते ही बनता था।
मल्होत्रा नर्सिंग होम में डॉक्टर निहारिका मल्होत्रा व डॉक्टर सरिता दीक्षित और उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल में डॉक्टर नरेंद्र मल्होत्रा और डॉक्टर सेमी बंसल ने डिलीवरी कराईं।
पुत्र की प्राप्ति पर परिजनों ने इनको भगवान कृष्ण का रूप मानकर परिचितों और स्टाफ का मुंह मीठा कराया। जब अन्य मरीज और परिजन को पता चला तो वे भी बच्चों को देखने पहुंच गए और परिजन को बधाई दी।
आईवीएफ विशेषज्ञ डाक्टर निहारिका मल्होत्रा ने बताया कि कई सालों से यह परंपरा चली आ रही है कि जन्माष्टमी के दिन हॉस्पिटल में जन्मे बच्चों को अपने परिवार का हिस्सा मानते हुए हर्षोल्लास के साथ त्योहार मनाया जाता है। इस माैके पर सभी नवजात बच्चों के माता पिता के अलावा अस्पताल का स्टाफ भी शामिल हुआ।
प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नरेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि हर साल 15 अगस्त और कृष्ण जन्माष्टमी के दिन बच्चे पैदा करने की रिक्वेस्ट आती है। लोगों का ऐसा मानना है कि इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे शूरवीर होते हैं। इस बार रोहिणी नक्षत्र लगा है। जैसे ही चार बजे हॉस्पिटल में डिलीवरी के लिए लोगों की रिक्वेस्ट आनी शुरू हो गईं। उन्होंने बताया कि कई दंपति अपने बच्चे के जन्म के लिए कृष्ण जन्माष्टमी का दिन चुनते हैं, इसके पीछे कई सांस्कृतिक और धार्मिक कारण हो सकते हैं।
शुभ समय
कृष्ण जन्माष्टमी हिंदू धर्म में बहुत शुभ दिन माना जाता है क्योंकि यह भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक है, जो सबसे पूजनीय देवताओं में से एक हैं। बहुत से लोग मानते हैं कि इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे को भगवान कृष्ण के गुण, जैसे बुद्धिमत्ता, आकर्षण, और दिव्य संरक्षण का आशीर्वाद मिलेगा।
सांस्कृतिक महत्व
कई हिंदू परिवारों में भगवान कृष्ण की कहानियों और शिक्षाओं से गहरा सांस्कृतिक संबंध होता है। इस दिन बच्चे का जन्म कराने का निर्णय इन परंपराओं का सम्मान करने और बच्चे को एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने का एक तरीका हो सकता है।
धार्मिक विश्वास
कुछ माता-पिता मानते हैं कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन जन्म लेने वाले बच्चे का भगवान कृष्ण से विशेष आध्यात्मिक संबंध होगा और उसे दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होगा, जो बच्चे के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
उत्सव और खुशी
कृष्ण जन्माष्टमी एक खुशी और उत्सव का समय है। परिवारों को अक्सर लगता है कि इस तरह के त्यौहार के दिन बच्चे का जन्म और भी खुशी और सकारात्मकता को जोड़ देता है, जिससे यह अनुभव और भी यादगार और अर्थपूर्ण बन जाता है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण
कुछ मामलों में, माता-पिता ज्योतिषियों से सलाह लेते हैं, जो सुझाव देते हैं कि यह दिन बच्चे के जन्म के लिए अनुकूल है, जो इस दिन को चुनने के पीछे एक और कारण हो सकता है।