दूसरा ब्रेकथ्रू, रैंप क्षेत्र में ऐलिवेटिड को भूमिगत भाग से जोड़ने वाली दोनों टनल तैयार 

0

आगरा :प्रायोरिटी कॉरिडोर में टीबीएम शिवाजी ने किया दूसरा ब्रेकथ्रू, रैंप क्षेत्र में ऐलिवेटिड को भूमिगत भाग से जोड़ने वाली दोनों टनल तैयार  उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा रैंप क्षेत्र में ऐलिवेटिड भाग को भूमिगत भाग से जोड़ने वाली दोनों टनल का निर्माण पूर्ण हो गया है। टीबीएम शिवाजी ने ब्रेकथ्रू कर भूमिगत स्टेशन ताजमहल से लेकर रैप क्षेत्र में कट एंड कवर साइट तक दूसरी टनल का निर्माण पूरा किया है। इस दौरान यूपी मेट्रो के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार, निदेशक (कार्य एवं संरचना) श्री सीपी सिंह, निदेशक (रोलिंग स्टॉक) नवीन कुमार एवं परियोजना निदेशक श्री अरविंद कुमार राय सहित वरिष्ठ मेट्रो अधिकारी मौजूद रहे। प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने इस उपलब्धि के आगरा मेट्रो टीम की सराहना की।

प्रायोरिटी कॉरिडोर के भूमिगत भाग में अपलाइन की टनल पूरी तरह तैयार है, फिलहाल यहां ट्रैक, ट्रैक्शन आदि सिस्टम का काम तेज गति के साथ किया जा रहा है। वहीं, डाउनलाइन में टीबीएम गंगा तेज गति के साथ टनल का निर्माण कर रही है। जल्द ही टीबीएम गंगा के ब्रेकथ्रू के साथ ही भूमिगत भाग में टनल निर्माण का कार्य पूर्ण हो जाएगा।

बता दें कि अपलाइन में टनल का निर्माण करते हुए टीबीएम शिवाजी ने 54 दिनों में ब्रेकथ्रू हासिल किया था। इसके बाद डाउनलाइन में टीबीएम शिवाजी ने महज 42 दिन में ब्रेकथ्रू हासिल कर कीर्तिमान स्थापित किया है। वहीं, इससे पहले टीबीएम ‘गंगा’ ने महज 48 दिन में पहला ब्रेकथ्रू हासिल कर कीर्तिमान स्थापित किया था, जबकि टीबीएम ‘यमुना’ ने 77 दिन में पहला ब्रेकथ्रू किया था। टीबीएम यमुना को फरवरी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लॉन्च किया गया था।

 

ऐसे होता है टनल का निर्माण
टीबीएम द्वारा भूमिगत मेट्रो टनल निर्माण को मुख्य तौर पर तीन चरणों में विभाजित किया जाता है। इस प्रक्रिया में प्रथम चरण इनीशीयल (प्राथमिक) ड्राइव होता है, जिसमें टीबीएम द्वारा लॉन्चिंग शाफ्ट (मशीन को लॉन्च करने की जगह) से टनल की खोदाई का काम शुरू किया जाता है। इस चरण में शुरुआती/अस्थाई रिंग्स को मैनुअल तरीके से लगाया जाता है, इस दौरान मशीन में लगे थ्रस्ट जैक इन अस्थाई रिंग सेग्मेन्ट्स की मदद से टीबीएम को आगे बढ़ाते हैं। इसके बाद टीबीएम मेन ड्राइव में पहुंचती है, जिसमें टीबीएम खोदाई के साथ ही स्थाई रिंग सेगमेन्ट्स लगाते हुए टनल का निर्माण करती है। इसके बाद टीबीएम मशीन दूसरे छोर पर ब्रेकथ्रू करते हुए बाहर आती है।

टनल बोरिंग मशीन विभिन्न हिस्सों में विभाजित होती है। टीबीएम के सबसे अग्रिम भाग फ्रंट शील्ड में कटिंग हैड होता है, जिसकी मदद टीबीएम मिट्टी को काटते हुए सुरंग की खोदाई करती है। कटिंग हैड में एक विशेष किस्म के केमिकल के छिड़काव की भी व्यवस्था होती है, जो कि कटिंग हेड पर लगे नॉज़ल के द्वारा मिट्टी पर छिड़का जाता है। इस केमिकल की वजह से मिट्टी कटर हैड पर नहीं चिपकती और आसानी से मशीन में लगी कनवेयर बेल्ट की मदद से मशीन के पिछले हिस्से में चली जाती है, जहां से ट्रॉली के जरिए मिट्टी को टनल से बाहर लाकर डम्पिंग एरिए में भेज दिया जाता है।

इसके साथ ही मशीन के पिछले हिस्से में प्रीकास्ट रिंग सेगमेंट को लॉन्च करने की व्यवस्था भी होती है। टनल निर्माण के दौरान रिंग सेगमेंट लगाने के बाद टीबीएम द्वारा ही रिंग सेगमेंट एवं मिट्टी के बीच में ग्राउटिंग स़ोल्यूशन भर दिया जाता है, जो कि रिंग सेगमेंट्स और मिट्टी के बीट मजबूत जोड़ स्थापित कर टनल को मजबूती प्रदान करता है। टीबीएम के मिड शील्ड में लगे थ्रस्टर्स मशीन को आगे बढ़ने में मदद करते हैं।

गौरतलब है कि ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा। जिसमें 6 एलीवेटिड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे. इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 कि.मी. लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलीवेटेड स्टेशन होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *