पर्यावरण संरक्षण में संजीवनी बनेगा हरित भारत अभियान-पूरन डावर ( चेयरमैन इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन संस्कृति)

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– पर्यावरण संरक्षण के लिए इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन संस्कृति ने शुरू किया अभियान
– इस वर्ष दुनिया के 10 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची में दिल्ली का पहला स्थान चिंता का विषय

आगरा। समूचे विश्व में निरंतर हो रहे जलवायु परिवर्तन के चलते पर्यावरण संरक्षण की महती आवश्यकता है, इसी उद्देश्य के तहत इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन संस्कृति द्वारा ‘हरित भारत अभियान’ की शुरुआत की गई। शुक्रवार को होटल भावना क्लार्क्स इन में आयोजित समारोह में अभियान को गति देने के लिए फाउंडेशन पदाधिकारियों एवं अतिथियों की मौजूदगी में उद्घोषणा एवं पोस्टर विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस मौके पर पर्यावरण के प्रति अपने नैतिक दायित्वों का आह्वान करते हुए इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन संस्कृति के चेयरमैन पूरन डावर ने कहा कि मानव जाति के अस्तित्व बचाये रखने के लिए ‘हरित भारत अभियान’ संजीवनी साबित होगा। विश्व के प्रदूषित देशों की बात करें तो भारत दुनियां में आठवें स्थान पर आता है यह हमारे लिए चिंता का विषय है।
ख्याति प्राप्त कवि पवन आगरी ने कहा कि स्वच्छता और हरियाली एक दूसरे के पूरक हैं ऐसे में हरित भारत अभियान को हरित क्रांति के रूप में गति दिए जाने की आवश्यकता है यह प्रयास सिर्फ सरकारी स्तर पर नहीं बल्कि प्रत्येक नागरिक का अहम कर्तव्य होना चाहिए।

इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष मधुसूदन भट्ट ने कहा कि साल 2023 में दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में दिल्ली का पहला स्थान होना चिंता का विषय है अब वक्त आ गया है कि हम सभी एकजुट होकर कृत्रिम जीवन जीने के आदी हो चुके मानव को प्रकृति से जोड़ें और आने वाली पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित करें।
इस अभियान के संयोजक ब्रजेश शर्मा ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के दुष्परिणाम पूरी दुनिया लगातार देख रही है ऐसे में इस प्रकार के अभियान ही लोगों को एक स्वस्थ जीवन देने में सहायक हो सकते हैं। क्योकि प्रकृति का सम्मान ही अच्छे जीवन का आधार है।

इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन संस्कृति के चेयरमैन पूरन डावर, महासचिव अजय शर्मा, संयोजक ब्रजेश शर्मा, अध्यक्ष मधुसूदन भट्ट, प्रख्यात कवि पवन आगरी, होटल भावना क्लार्क इन के जीएम गजेंद्र सिंह, फाउंडेशन के निदेशक मोहित जैन, डॉ. रामनरेश शर्मा, अविनाश वर्मा, अभिषेक शर्मा आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।

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