दुनिया की सबसे बुढ़ी महिला का निधन, 118 साल की उम्र में ली आखिरी सांस
फ्रांसीसी नन ल्यूसिल रैंडन ने टूलॉन में नर्सिंग होम में अंतिम सांस ली. वह सो रही थीं और फिर नहीं उठीं. सेंट-कैथरीन-लेबर नर्सिंग होम के प्रवक्ता डेविड तावेल्ला के अनुसार, नींद में ही उनका निधन हो गया. सिस्टर आंद्रे ने पूरी दुनिया को बदलते देखा. दोनों विश्वयुद्ध देखे. वह अब तक की ज्ञात सबसे उम्रदराज महिला थीं.
ल्यूसिल रैंडन का जन्म जिस साल हुआ, उस साल न्यूयॉर्क ने अपना पहला सबवे खोला था. उसी साल टूर डी फ्रांस का केवल एक बार मंचन किया गया था. अपने नर्सिंग होम में वो जीवन के अंतिम दिनों में भी काफी सक्रिय रहीं. सभी उनकी जीवटता के कायल थे.
1944 में रैंडन जब 40 वर्ष की थीं, तब एक कॉन्वेंट में नौकरी शुरू की थी. उससे पहले एक ट्यूटर के तौर पर काम किया था. 1979 से वह नर्सिंग होम में सेवारत हुईं और फिर 2009 से टूलॉन होम में थीं. हाल ही में एक इंटरव्यू में रैंडन ने कहा था, “लोग कहते हैं कि काम का बोझ उन्हें मारता है, लेकिन मेरे काम ने मुझे जीवित रखा. मैं 108 साल की उम्र तक काम करती रही.”
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबसे उम्रदराज महिला के रूप में जापान की केन तनाका का नाम दर्ज था, जिनका पिछले साल 119 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. उनके बाद रैंडन सबसे ज्यादा उम्रदराज महिला थीं. 2021 में ल्यूसिल रैंडन कोविड पॉजिटिव हो गईं थी और इस महामारी से लड़ाई में जीतकर दुनिया भर के लोगों के लिए आशा का प्रतीक बन गई थीं.