कृत्रिम मेधा को नियंत्रित करने को कौशल विकसित करने होंगेः प्रो. मनुप्रताप

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आगरा काॅलेज में हुई संगोष्ठी में वक्ताओं ने रखे विचार
आगरा। कंप्यूटर मशीन 2030 तक मानव से अधिक होशियार हो जाएगी। हमें अपने अंदर वे कौशल विकसित करने होंगे जो कृत्रिम मेधा को नियंत्रित कर सके। हमें मशीन से अधिक होशियार होना पड़ेगा। यह कहना है डाॅ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रो. मनुप्रताप सिंह का। वे राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर विज्ञान भारती ब्रज प्रांत बायोटेक्नोलाॅजी विभाग द्वारा आगरा कॉलेज, और ब्रज शक्ति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कृत्रिम मेघा की उपयोगिता और भविष्य की चुनौतियों पर मुख्य वक्ता के तौर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहाकि आने वाले समय में ऑटोमेशन मनुष्य को कार्य रहित कर रहा है। हम रोबोट के गुलाम हो चुके हैं। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को विस्तार से समझाया। साथ ही छात्रों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए। मुख्य अतिथि प्राचार्य प्रो. आरके श्रीवास्तव ने कहाकि हमें अतीत से प्रेरणा लेते हुए वर्तमान चुनौतियों का सामना करना है। भारत का प्राचीन विज्ञान उच्च कोटि का था। उस विज्ञान से प्रेरणा लेते हुए आज के युवा वैज्ञानिकों को भारत को विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में ले जाने के लिए नई सोच लानी होगी। मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ. रचना सिंह ने व्यवहारिक मनोविज्ञान पर बोलते हुए कहाकि आज की इस तनाव भरी जिंदगी में विद्यार्थियों को अपने सोचने और कार्य करने के तरीके में बदलाव करना होगा। इस मौके पर निबंध प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और पुरस्कार वितरण कर सम्मानित किया गया। यह प्रतियोगिता 25 फरवरी को आयोजित की गई थी, जिसका विषय महाकुंभ का वैज्ञानिक दृष्टिकोण था। निबंध प्रतियोगिता के निर्णायकमंडल में डाॅ. दिव्या अग्रवाल और डाॅ. नीता रानी थीं। प्रतियोगिता में विजय कामिनी शर्मा, सलोनी रावत, श्रद्धा दीक्षित, पलक, ऋतिक, समायरा, प्रियंका, तमन्ना परमार, अन्नया और जाह्नवी विजयी रहे। इससे पूर्व अतिथियों ने मां सरस्वती और डाॅ. सीवी रमन के चित्रों पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया। इस मौके पर प्रो. पूनम चांद, प्रो. अंशु चैहान, प्रो. स्मिता चतुर्वेदी, डाॅ. अल्पना ओझा, डाॅ. शिव कुमार सिंह, डाॅ. दीपाली सिंह, डाॅ. सत्यदेव शर्मा, डाॅ. प्रशांत पचैरी, डाॅ. संगीता, डाॅ. दीप्ति शर्मा आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम की भूमिका प्रो. अमित अग्रवाल ने रखी। अतिथियों का स्वागत विज्ञान भारती की प्रांत महासचिव डॉ. संध्या अग्रवाल ने किया। संचालन डाॅ. यशस्विता चैहान ने और आभार डाॅ. सीमा गुप्ता ने जताया।