एमएसएमई उद्यमियों के लिए वरदान साबित हो रहा है आरएएमपी प्रोग्राम

यूपीएसआईसी द्वारा आयोजित रैंप कार्यशाला में अधिकारियों ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
जीरो इफेक्ट जीरो डिफेक्ट पर जोर, उद्यमी कौशल बढ़ाएं, नए बाजारों में करें प्रवेश
एमएसएमई उद्यमियों को रैंप कार्यशाला से नए अवसरों का लाभ उठाने को किया प्रेरित
आगरा। सरकार आरएएमपी (रैंप) जैसी योजनाओं सहित विभिन्न सरकारी सुविधाओं की जानकारी सीधे जनता तक पहुंचा रही है। लघु एवं सूक्ष्म उद्यमी कौशल विकास करें और योजनाओं के प्रति जागरूक रहें। ताकि वे योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें। आरएएमपी (रैंप) और अन्य योजनाओं से सभी को सौ प्रतिशत लाभ मिलेगा, जिससे लघु एवं सूक्ष्म उद्योग को मजबूती मिलेगी और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को गति मिलेगी। उक्त विचार यूपीएसआईसी के चेयरमैन राकेश गर्ग ने होटल होली डे इन में आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए।
कानपुर से आये यूपीएसआईसी के प्रबंध निदेशक राज कमल यादव ने कहाकि प्रदेश में अब तक कई एमएसएमई उद्यमियों को सब्सिडी का लाभ दिया जा चुका है। एमएसएमई नीति 2022 के तहत आरएएमपी (रैंप) प्रोग्राम, टीयूएस, ईएसजी, जेडईडी और पीएलईडीजीई जैसी योजनाओं के माध्यम से उद्यमियों को वित्तीय सहायता, तकनीकी सहयोग और बाजार से जुड़ने के अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि एमएसएमई वन कनेक्ट पोर्टल के माध्यम से भी इन योजनाओं का संचालन किया जाएगा, जिससे एमएसएमई को सुविधाजनक तरीके से सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। शताक्षी मिश्रा ने बताया कि आरएएमपी आत्मनिर्भर भारत के विजन पर विकसित किया गया है। यह उन उद्यमियों की मदद के लिए बनाया गया है, जो कोरोना काल में प्रभावित हुए थे। सरकार का उद्देश्य एमएसएमईएस को आर्थिक सहयोग, नई तकनीकों की जानकारी और कौशल विकास का लाभ देना है। यह योजना भारत सरकार और विश्व बैंक के आर्थिक सहयोग से चलाई जा रही है। इसके के तहत एमएसएमईएस को नए बाजारों में प्रवेश करने, निर्यात क्षमता बढ़ाने और वित्तीय संसाधनों तक पहुंचने में सहायता मिल रही है।
कार्यशाला में उपस्थित एमएसएमई उद्यमियों ने सरकार की इस पहल की सराहना की। इस दौरान कई उद्यमियों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि किस प्रकार आरएएमपी प्रोग्राम और अन्य सरकारी योजनाओं से उन्हें व्यापार को बढ़ाने में मदद मिल रही है। कार्यशाला के समापन पर यूपीएसआईसी अधिकारियों ने कहाकि आगरा अब एमएसएमई विकास की दिशा में और तेजी से कदम बढ़ाने के लिए तैयार है। सरकार का यह प्रयास देश के छोटे और मध्यम स्तर के उद्योगों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यूपीएसआईसी और आरएएमपी प्रोग्राम पर्यावरणीय अनुकूलन के लिए भी विशेष प्रयास कर रहे हैं। ईएसजी प्रमाण पत्र को उद्योगों के लिए एक मानक के रूप में लागू किया जा रहा है। कार्यशाला के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि सरकार की योजनाओं और एमएसएमई की सक्रिय भागीदारी से औद्योगिक क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव आने वाला है।
इससे पहले कार्यशाला का शुभारंभ यूपीएसआईसी के अध्यक्ष राकेश गर्ग, प्रबंध निदेशक यूपीएसआईसी राज कमल यादव, उपायुक्त उद्योग अनुज कुमार, एफमेक के अध्यक्ष पूरन डावर, लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष विजय गुप्ता, नेशनल चैंबर के अध्यक्ष अतुल गुप्ता, चैम्बर ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार भगत ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यशाला का संचालन श्रुति सिन्हा ने किया। इस मौके परयूपीएसआईसी के सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर प्रभात बाजपाई, अधिशाषी अभियंता वाईपी सिंह, सहायक अभियंता सूयेश पांडेय, अवर अभियंता रंजीत सिंह, लघु उद्योग भारती के प्रदेश सचिव मनीष अग्रवाल, राजीव बंसल, अम्बा प्रसाद गर्ग, ओपेन्दर सिंह लवली, रजत अस्थाना, सीएस अनुज अशोक, संजीव जैन, संजय गोयल, इंजीनियर उमेश शर्मा सहित आगरा की एक दर्जन से अधिक औद्योगिक संस्थाओं के प्रतिनिध मौजूद रहे।