देश को मिला हाईटेक सी-ब्रिज, पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रामेश्वरम मंदिर के दर्शन किए, राम सेतु को बताया दिव्य संयोग
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चेन्नई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रामनवमी के अवसर पर तमिलनाडु के रामेश्वरम में भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज का उद्घाटन किया। पंबन नाम से मशहूर इस रेल ब्रिज को 550 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इस दौरान पीएम मोदी के साथ केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव भी नजर आए। जबकि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन मौके से गायब रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के समापन के बाद पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया कि राम नवमी के अवसर पर अयोध्या में सूर्य तिलक के समय ही उन्हें राम सेतु देखने को मिला। इसे उन्होंने दिव्य संयोग बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनवमी पर तमिलनाडु के रामेश्वरम स्थित रामनाथ स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री तीन दिवसीय श्रीलंका दौरे से सीधे रामेश्वरम पहुंचे। श्रीलंका से लौटते हुए मोदी ने विमान से रामसेतु देखा। उन्होंने इसका वीडियो भी पोस्ट किया है। मोदी ने लिखा-श्रीलंका से लौटते हुए विमान से रामसेतु के दर्शन किए। यह तभी हुआ, जब अयोध्या के राम मंदिर में रामलला का सूर्य तिलक हो रहा था। यह दिव्य अनुभव था। प्रभु श्रीराम हम सभी को जोड़ने वाली शक्ति हैं। उनकी कृपा सदैव हम पर बनी रहे। मोदी रविवार को तमिलनाडु के रामेश्वरम पहुंचे। हालांकि, उन्हें रिसीव करने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन नहीं पहुंचे। सीएम उदगमंडलम में सरकारी मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन कर रहे थे। मोदी पिछले साल भी रामेश्वरम आए थे। यहां अग्नि तीर्थम पर डुबकी लगाने के बाद रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा की थी। इस दौरान उन्होंने रामायण पाठ और भजन संध्या में भी हिस्सा लिया था। मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान राम से जुड़े उन सभी मंदिरों के दर्शन किये जिनका रामायण में जिक्र है। इसी कारण से वे रामनाथस्वामी मंदिर आए थे।
पौराणिक कथाओं में निहित इस पुल का गहरा आध्यात्मिक महत्व है। रामायण में रामेश्वरम के निकट धनुषकोडी से रामसेतु के निर्माण की शुरुआत का वर्णन है। रामेश्वरम को भारत की मुख्य भूमि से जोड़ने वाले इस पुल को 550 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। 2.08 किलोमीटर लंबे इस पुल में 99 स्पैन और 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है जो 17 मीटर तक ऊंचा उठता है, जिससे ट्रेन सेवाओं को बाधित किए बिना बड़े जहाजों को आसानी से गुजरने में मदद मिलती है। भविष्य के लिए तैयार किए गए इस पुल में स्टेनलेस स्टील के सुदृढीकरण, उच्च-ग्रेड सुरक्षात्मक पेंट और बेहतर स्थायित्व व कम रखरखाव के लिए पूरी तरह से वेल्डेड जोड़ हैं। यह भविष्य की यातायात आवश्यकताओं का अनुमान लगाते हुए दोहरी रेल पटरियों के लिए भी सुसज्जित है। एक विशेष पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग इसे जंग से बचाती है, जिससे चुनौतीपूर्ण समुद्री वातावरण में इसकी लंबी सेवा जीवन सुनिश्चित होता है। ब्रिटिश इंजीनियरों द्वारा 1914 में निर्मित मूल पंबन ब्रिज एक कैंटिलीवर संरचना थी जिसमें शेरजर रोलिंग लिफ्ट स्पैन था। एक सदी से भी अधिक समय तक, यह रामेश्वरम द्वीप से आने-जाने वाले तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता था। 2019 में भारत सरकार ने एक आधुनिक प्रतिस्थापन के निर्माण को मंजूरी दी।