उपभोक्ता फोरम के आदेश पर बीमा कम्पनी ने किया भुगतान

नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी ने ब्याज सहित चोरी वाहन का हर्जाना दिया
12 साल हर्जाना पाकर पीडित हुआ खुश, कहा आखिर न्याय मिल गया
आगरा। चोरी हुए वाहन का बीमा भुगतान न करने पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम प्रथम आगरा ने नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड को सेवा का दोषी ठहराते हुए पीडित को क्लेम की रकम 5 लाख 46 हजार 671 रुपये ़6 फीसदी वार्षिक ब्याज दर के साथ देने का आदेश दिया। साथ ही मानसिक कष्ट के लिए लिए दो हजार रुपये का अतिरिक्त मुआवजा देने के आदेश दिए थे। कंपनी द्वारा जमा किए गए छह लाख चैदह हजार चार सौ इक्यावन रुपये का चेक को आयोग द्वारा पीडित को प्रदान किया गया।
सिद्धार्थ नगर नई आबादी ताजगंज निवासी शिवचरन पुत्र तालेवर सिंह ने मैसर्स राज इंडिया लिमिटेड दिल्ली रोड मेरठ से स्विफ्ट डिजायर कार 15 जुलाई 2010 को खरीदी थी। उक्त कार संख्या यूपी-24-एल-9669 का बीमा नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी से 19 जुलाई 2010 को कराया जो 18 जुलाई 2011 तक प्रभावी था। दिनांक 23 दिसम्बर 2010 को उक्त कार सादाबाद के बडाहार चैराहे से चोरी हो गई। इसकी रिपोर्ट सादाबाद थाने में दर्ज कराई गई। पुलिस ने विवेचना के बाद प्रस्तुत की गई अंतिम रिपोर्ट को न्यायिक मजिस्टेट द्वारा स्वीकार कर ली गई। पीडित ने दर्ज किया गया, लेकिन बीमा कम्पनी में क्लेम को खंडित कर दिया। पीडित द्वारा अपने अधिवक्ता के जरिए कम्पनी को नोटिस दिया लेकिन नोटिस तामील न होने के आधार पर जिला उपभोक्ता पारितोष विवाद फोरम प्रथम में वाद प्रस्तुत किया गया। फोरम अध्यक्ष हीरा लाल कर्दम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बीमा कम्पनी नेशनल इंश्योरेंस को पीडित को 5 लाख 46 हजार 671 रुपये मय 6 फीसदी वार्षिक ब्याज की दर से देने के आदेश किए। साथ ही मानसिक कष्ट के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में 2 हजार रुपये का हर्जाना देने के आदेश 17 अक्टूबर 2013 को दिए। कम्पनी ने ब्याज सहित छह लाख चैदह हजार चार सौ इक्यावन रुपये का चेक उपभोक्ता फोरम में जमा कराया। उपभोक्ता फोरम प्रथम के अध्यक्ष ने उक्त चेक पीडित को प्रदान किया।