कार्यशाला में होम्योपैथी की बारीकियों से हुए रूबरू

पारीक होम्योपैथी में सम्पन्न हुई पांच दिवसीय कार्यशाला
दस देशों के 45 से अधिक चिकित्सकों ने लिया भाग
आगरा। डॉ. पारीक होम्योपैथिक सेंटर में पांच दिवसीय शिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह रविवार को हुआ। 19 से 23 फरवरी तक चली कार्यशाला में जर्मनी, ऑस्ट्रिया, इटली, रूस, कजाकिस्तान और आर्मेनिया सहित दस देशों के 45 से अधिक चिकित्सकों ने होम्योपैथी में उन्नत प्रशिक्षण प्राप्त किया।
डॉ. पारीक ने बताया कि इस तरह की कार्यशालाओं के आयोजन का मकसद होम्योपैथिक उपचार का प्रचार करना है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष सेंटर में 60 हजार से अधिक रोगियों ने व्यक्तिगत रूप से होम्योपैथिक उपचार लिया। जबकि 6 हजार से अधिक रोगियों ने ऑनलाइन माध्यम से परामर्श लिया। रोगियों के लिए दवाओं के प्रेषण और उनकी रिपोर्ट के अद्यतन की सुविधा के लिए एक नई प्रणाली और वेब पोर्टल भी लागू किया गया है। सेंटर में पूरे वर्ष शोध गतिविधियां भी होती रहीं। विभिन्न रोगों जैसे मलाशय अल्सर, गुदा फिस्टुला, वोकल कॉर्ड पॉलीप्स आदि पर लेख प्रकाशित किए गए। डॉ. पारीक होम्योपैथिक सेंटर के क्लिनिकल जर्नल का नया संस्करण सितंबर 2024 में प्रकाशित हुआ, जिसमें इस वर्ष के कुछ शोध लेख भी शामिल हैं।
इस मौके पर डॉ. मरीना बाशको रूसी होम्योपैथिक एसोसिएशन की प्रमुख ने बताया कि होम्योपैथिक शिक्षण के वैज्ञानिक आधार और आगरा में लाइव कार्यशाला के दौरान विभिन्न रोगियों के मामलों को देखकर वह बहुत प्रभावित हुईं। यह उनके लिए बहुत ज्ञानवर्धक था। उन्होंने वादा किया कि वे अपने ज्ञान को और समृद्ध करने के लिए हर साल आती रहेंगी। डॉ. मरियम आर्मेनिया में होम्योपैथी की संस्थापक हैं। वे आर्मेनिया में दो दशकों से होम्योपैथी को विकसित करने में लगी हैं। उन्होंने बताया कि उनके दादा-दादी उनसे कहते थे कि डॉक्टर भगवान की तरह होते हैं। 20 साल पहले डॉ. आरएस पारीक से मिलकर उन्हें पता चला कि वास्तव में डॉक्टर भगवान की तरह ही होते हैं। जबकि मेडिकल यूनिवर्सिटी में अपनी पूरी मेडिकल शिक्षा के दौरान उन्होंने कभी ऐसा अनुभव नहीं किया था। डॉ. आदित्य पारीक ने कहा कि ऐसे इंटरैक्टिव सेमिनारों के माध्यम से हम न केवल होम्योपैथिक शिक्षण का प्रसार करते हैं, बल्कि अपने स्वयं के अनुभवों को भी समृद्ध करते हैं। डॉ. नितिका पारीक ने वार्षिक रिपोर्ट पढ़ते हुए कार्यशाला में सक्रिय भागीदारी के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर डॉ. सुशील गुप्ता, नरेश जैन, शोभा जैन, गोपाल गुप्ता, पूरन डाबर, मधु डाबर, डबी सरीन और बेला सरीन आदि भी मौजूद रहे।