घर की बत्तियां बुझाओ, वक्फ को बचाओ

वक्फ कानून के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील
मुस्लिम 30 अप्रैल को घरों और फैक्ट्रियों की लाइट बंद कर विरोध करें
नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक के संसद से पारित होने और कानून बनने के बाद देश के कई हिस्सों में इसके खिलाफ विरोध की लहर देखने को मिल रही है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और अन्य संगठनों ने इस कानून को लेकर अपनी नाराजगी जताई है और जनता से शांतिपूर्ण विरोध करने की अपील की है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने एलान किया है कि 11 अप्रैल से 7 जुलाई तक वक्फ बचाओ अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है। इसके खिलाफ 30 अप्रैल को रात 9 बजे मुसलमानों से आधे घंटे के लिए अपने घरों और फैक्ट्रियों की लाइट बंद कर शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराने की अपील की गई है। भाजपा नेता मोहसिन रजा ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर निशाना साधते हुए कहाकि यह संगठन कांग्रेस का टूलकिट बन चुका है। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी मुसलमानों के घरों में रोशनी लाएंगे जबकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बत्ती बुझाने की बात कर रहा है। वहीं समाजवादी पार्टी के नेता फखरुल हसन चांद ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के विरोध प्रदर्शन को जायज ठहराते हुए कहा कि लोकतंत्र में हर नागरिक को शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार है और यदि यह संवैधानिक तरीके से हो रहा है तो इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
कोलकाता और मुंबई में वक्फ बिल के खिलाफ प्रदर्शन
इधर पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित आलिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने कैंपस से लेकर सर्कस क्रॉसिंग तक वक्फ कानून में संशोधन के विरोध में रैली निकाली। छात्रों का कहना है कि नया कानून वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाता है जिससे उनके धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है। मुंबई में एआईएमआईएम नेता वारिस पठान और उनके समर्थकों ने जुमे की नमाज के बाद वक्फ कानून के खिलाफ बायकुला इलाके में प्रदर्शन किया। बिना अनुमति प्रदर्शन करने पर मुंबई पुलिस ने वारिस पठान समेत 50 से 60 लोगों को हिरासत में ले लिया।
लखनऊ में शिया समुदाय का प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शिया समुदाय ने इमामबाड़ा क्षेत्र में जुमे की नमाज के बाद विरोध प्रदर्शन किया। शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद के नेतृत्व में लोगों ने हाथों में तख्तियां लेकर वक्फ संशोधन कानून को वापस लेने की मांग की।