श्लोकों के माध्यम से प्रमाणित किया ज्ञान-विज्ञान

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भारतीय ज्ञान परंपरा में विज्ञान के महत्व पर विद्वानों ने की चर्चा

केएमआई में 7 दिवसीय ज्ञान कुंभ-शिक्षक उन्नयन का हुआ समापन

आगरा। विश्व विद्यालय के पालीवाल परिसर स्थित केएमआई और महामना मालवीय मिशन आगरा संभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय ज्ञान कुम्भ-शिक्षक उन्नयन कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की पूर्व संध्या पर हुआ। इसमें भारतीय ज्ञान परंपरा में विज्ञान पर चर्चा की गई।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशु रानी की अध्यक्षता में ज्ञान-कुम्भ की पूर्णाहुति और राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर चर्चा में मुख्य अतिथि प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री, संस्कृत विश्वविद्यालय उत्तराखंड, मुख्य वक्ता प्रमोद शर्मा क्षेत्र कार्यवाह, विशिष्ट अतिथि निदेशक केंद्रीय हिंदी संस्थान बाबू राव कुलकर्णी, पूरन डाबर और राकेश शुक्ला ने भारतीय ज्ञान परंपरा के मूल तत्वों पर प्रकाश डाला। दिनेश चंद्र शास्त्री ने ज्ञान-विज्ञान को वेदों के श्लोकों के माध्यम से प्रमाणित किया। मुख्या वक्ता प्रमोद शर्मा क्षेत्र कार्यवाह ने अध्यात्म विज्ञान व विज्ञान के महत्व को समझाया और विस्तृत चर्चा की। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशुरानी ने शोधार्थियों को भारतीय ज्ञान परंपरा के अंतर्गत विभिन्न विषयों में शोध को प्रेरित किया। तिथियों का परिचय सह-समन्वयक डॉ गौरव गौतम ने किया। प्रो प्रदीप श्रीधर डॉ नीलम यादव ने अतिथियों का स्वागत और अधन्यवाद ज्ञापन किया। संचालन डॉ शालिनी ने किया। कार्यक्रम में ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में प्रतिभागी जुड़े रहे। इस दौरान विभिन्न महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों से प्रतिभागियों के अलावा प्रो विनीता, प्रो रजनीश अग्निहोत्री, डॉ. उदिता तिवारी, प्रो रणवीर, डॉ. राजीव, डॉ. आदित्य प्रकाश, डॉ. सत्यम पांडेय, डॉ. आलोक, डॉ. राजेश कुशवाहा, नम्रता तोमर (शोधार्थी ), प्रेम कुमार (शोधार्थी), नरेश कुमार (शोधार्थी), हीरेश कुमार, उचित (शोधार्थी) डॉ.. ममता बंसल, डॉ. शीतल और पंडित देवाशीष गांगुली आदि मौजूद रहे।

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